इठलाती तितलियाँ , कुछ बलखाती तितलियाँ
छोटी-छोटी बातों पे भी , खिलखिलाती तितलियाँ
इस डाल से उस डाल पे , हर डाल पे बैठे
आती नहीं है हाथ में , उड़ जाती तितलियाँ
जो आ गया करीब , फिर न दूर जा सका
जो दूर हो उसे पास , बुलाती तितलियाँ
दंग है जमाना इनके , जलवों के आगे
नखरों से सबके होश , उड़ाती तितलियाँ
अब कौन करे मंदिरों में , पूजा अर्चना
आजकल तो है दिलों में , पूजाती तितलियाँ
वो भूल गया अपने , सारे सपने इरादे
है आजकल तो सपनों में , आती तितलियाँ
उड़ गए सब संस्कार , धूल की तरह
नए-नए तजुर्बे अब , सिखलाती तितलियाँ
टूट जातें हैं पलों में , बांध सब्र के
सोये हुए अरमान है , जगाती तितलियाँ
आँखों से मिलती आँखें , बातों से मिलती बातें
पर दिल से दिल कभी ना , मिलाती तितलियाँ
वो दूर हुए जा रहें हैं , अपनें अपनों से
क्योंकि ज्यादा प्यार है , जताती तितलियाँ
माँ-बाप सफलता की , चाहत में मर रहें
बेटे को असफलता की , लत लगाती तितलियाँ
उसको नहीं पसंद , जमानें की उलझनें
लगती है बुरी दुनियां , बस भाती तितलियाँ
बढ़ती गई नजदीकियां , मिटता गया भरम
आँखों से शरम लाज , है हटाती तितलियाँ
जब तक हो भरा जेब , बनी दोस्ती रहें
फक्करों से अपना साथ , है छुड़ाती तितलियाँ
ये मौज मस्ती के लिए , करती हैं यारियां
और नाम दोस्ती का , है बताती तितलियाँ
जीता है इनसे वो ही , इच्छा दृढ रही जिनकी
बचना की हर मोड़ पे , बहकाती तितलियाँ
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करना होगा, यही समय की मांग है। समाज मे उपेक्षित रूप से जी रहीं महिलाओं को हम उनके ताक़त का भान कराकर उन्हें अपने सम्मानित रूप से जीने का अधिकार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है|
January 12, 2011
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