January 26, 2011

युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए

गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं
सुभाष गाँधी नेहरू सा , महान चाहिए          
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए

जो प्रेम सत्य शांति की , राह को चुने
हर एक दिन दुर्बल  , की आह को सुने   
कर के दिखाए पूरा , जिस स्वप्न को बुने            
आँखों को अपने स्वप्न का सम्मान चाहिए
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए

 जो आया हो माता का , कर्ज चुकाने
 जो आया हो बेटा का , फर्ज निभाने
 जो भटके को आया , सही दिशा दिखाने
 थक चुकी दिशाएं  , अवशान चाहिए
 युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए 

 कलानिधि हैं कितने पर , चमक की है कमी
 सुमन तो है चमन में पर , गमक की है कमी
 सूर्य है लाखों मगर , दहक की है कमी
करदे जो प्रज्वलित ह्रदय , वो सूर्यभान चाहिए
युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए 

तोड़ दे पुरानी जो , घिसी पिटी प्रथा 
 जो मिटा दे देश से , कलेश की कथा
 जो सुने ह्रदय से , मातृभूमि की विथा
 राष्ट जिसपे कर सके , अभिमान चाहिए
 युग मांगता है युग को , नौजवान चाहिए 





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