December 22, 2010

दावत

है पलेटें हाथ में , दोस्तों के साथ में
                 लग रहीं कतार है , दावतों की बहार है

भुख्खरों की भीड़ है पा ले  जो वो वीर  है
                  पाने की तकरार है, दावतों की बहार है

सामने पकवान है , होठों पे मुस्कान है
                    पेट की पुकार है , दावतों की बहार है

खाना है या खेल है , लोग ठेलमठेल है
                    चम्मचों पे भी मार है , दावतों की बहार है

दोस्त दुश्मन लग राहे , शैतान मन के जग रहें
                     सब बने खूंखार है, दावतों की बहार है

सूट  टाई बूट में , सब लगे हैं लूट में
                     ये अजब व्यवहार है, दावतों की बहार है

मिठाइयाँ है रस भरी पनीर प्लेटों में भरी
                    टपका राही ये लार है, दावतों की बहार है

फास्ट फ़ूड की ठाठ है , गोल - गप्पे चाट है
                    बनी सलाद श्रींगार है , दावतों की बहार है

तरह- तरह की डिस सजी , चिक्केन - मटन , फिश सजी
                  हॉट सूप भी तैयार है , दावतों की बहार है

चाय - कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक्स , प्यास बढाती आईस - क्रीम्स
                   खट्टी-खट्टी डकार है, दावतों की बहार है
                   

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