अब तलक जो सपना रहा , काश वो सच होता सनम
उम्रभर को ना सहीं , पल दो पल के ही लिए
मैं तेरी जुल्फों के नीचे , चैन से सोता सनम
दिल में हूँ कब से दबाये , दर्द का इक जलजला
चाहूँ लग तेरे गले से , फुटकर रोता सनम
सोंचा था आबाद होंगे , हम तुम्हारे इश्क से
तुने सबकुछ ले लिया , पास मेरे जो था सनम
तू अगर लौटा जो देता , दिल मेरा बस एकबार
फिर कभी मैं राहेवफा में , दिल नहीं खोता सनम
कसमें वादे याद आते , तुझको भी जब बेपनाह
तू भी अपने पाप दिल के , आंसूओ से धोता सनम
मार के मेरी शख्सियत को , तू बना है बेगुनाह
फिर रहा हूँ दरबदर मैं , लाश को ढ़ोता सनम
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करना होगा, यही समय की मांग है। समाज मे उपेक्षित रूप से जी रहीं महिलाओं को हम उनके ताक़त का भान कराकर उन्हें अपने सम्मानित रूप से जीने का अधिकार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है|
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