February 13, 2011

लव गुरु -वेलेंटाइन

ये तुमने क्या किया , करू विरोध या धन्यवाद
लाखों छोर गए अपने सा , तुम अपने जाने के बाद

सजा मिली तुम्हे प्यार की , दे दी तुमने हँस के जान
अमर हुए ज़माने में तुम , करके ऐसा बलिदान

सिखा गए तुम सबको , प्यार का हक़ करना अदा
बना दिया जग ने तुम्हे , अपना रहबर अपना खुदा

पर बदलते ज़माने ने , भुला दिया सब ज्ञान संत
फूहड़ता की आर में , सच्चे प्यार का हुआ अंत

कैद हुई तुम्हारी शख्सियत , कार्ड में और फूल में
खोए सब सन्देश तुम्हारे , पड़ी ये दुनिया भूल में

वेलेंटाइन कुछ ऐसा करो , सबके दिल में प्यार हो
फूंको ऐसा मंत्र , प्यार पे , मिटने को तैयार हो

करो स्थापित प्यार के, मूल्य जो हमने खो दिए
आओ हे  वेलेंटाइन ,  प्यार  के  नए रंग लिए                    

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