हैं मिलते रहे हाथ से हाथ अब तक ,
कभी दिल से दिल भी मिला करके देखो
नहीं गर मुहब्बत हो मुझसे ओ यारा ,
तो शिकवे शिकायत गिला करके देखो
है बनते हुए को तो सब ने बनाया ,
कभी काम बिगड़ा बना करके देखो
भागा करोगे तबाही से कब तक ,
कभी जश्ने गम भी मना करके देखो
दिलाउँ तुम्हें किस तरह मैं भरोसा ,
भरम अपने दिल का दफा करके देखो
अभी तक तो अपने लिए ही जिए तुम ,
कभी मेरी खातिर वफा करके देखो
मिलेंगे कभी तो किसी राह पर हम ,
हँसी सपने ऐसे सजा करके देखो
दफन है जो दिल में वो यादों का मौसम ,
जो तन्हा रहो तो जगा करके देखो
छोडो भी अब तुम बहाने बनाना ,
नहीं आ सको तो बुला करके देखो
खिलातें रहें फूल गमले में अब तक ,
कभी फूल दिल में खिला करके देखो
तुम्हें हो रही फिक्र क्यूँ बेवजह की ,
मेरी दोस्ती आजमां करके देखो
नहीं दिल्लगी है ये ओरों के जैसी ,
है सोना खड़ा ये तपा करके देखो
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करना होगा, यही समय की मांग है। समाज मे उपेक्षित रूप से जी रहीं महिलाओं को हम उनके ताक़त का भान कराकर उन्हें अपने सम्मानित रूप से जीने का अधिकार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है|
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