मैं भी भली हूँ और तू भी भला है , फिर क्यूँ कह रहे हो जमाना बुरा है
जो हम तुम निभाते रहे कसमें -वादे , क्यों हो बेवफाई ये धोखा कहाँ है
जमाने को मुजरिम कहे जा रहे हो , जमाना तो हमसे और तुमसे बना है
हम में से ही कोई गद्दार होगा , जमाना बेचारा बेवजह पीस रहा है
बुरे पे अच्छाई का पानी चढ़ाके , दमकता चमकता हर इक चेहरा है
मिलावट की इतनी बुरी लत पड़ी है , है ईमान कम ज्यादा धोखा भरा है
छुपाते रहे अपनी कमजोरियां हम , जमाने को हम ने बुरा कह दिया है
हमें है पता वो न शिकवा करेगा , तभी नाम बदनाम उसका किया है
जो झाँका किये एकदिन दिल के अंदर , तो देखा की भगवान सोया पड़ा है
जगाया बहुत उनको पर वो न जागे , हुई ये खबर की वो हमसे खफा है
ये पूछा जब हमने बताओ बस इतना , भला हमसे ऐसी हुई क्या खता है
वो कहने लगे पूजते तुम मुझे हो , मगर तुझमे आदत सब शैतान का है
बनाया है मैंने ही सबको जहाँ में , मगर सब मुझे ही बनाने लगा है
समझने लगा है बड़ा खुद को मुझसे , मेरी रहमतों को भुलाने लगा है
वाकिफ हूँ मैं तेरी हर एक नस से , नासमझ फिर भी मुझसे छुपाने लगा है
करता है कम और दिखता है ज्यादा , बहुत दूर मुझसे तू जाने लगा है
बदल अपनी आदत बना पाक दिलको , मिटा दे भरम वो जो तुझमें भरा है
संभलने का तू आज संकल्प करले , भुला दूंगा मैं भूल मेरा दिल बड़ा है
मतलब - परस्ती फरेबी में पड़ के , खुद को ही धोखा दिए जा रहा है
बुराई को अपनी मिटाता नहीं है , कहता है सबको जमाना बुरा है
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करना होगा, यही समय की मांग है। समाज मे उपेक्षित रूप से जी रहीं महिलाओं को हम उनके ताक़त का भान कराकर उन्हें अपने सम्मानित रूप से जीने का अधिकार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है|
October 11, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
LIKE MY FB PAGE FRNZZ
https://www.facebook.com/navbhartiseva/
-
मैं भी रोया तू भी रोई , पर रोने से क्या होता है मैं तेरा हूँ तू मेरी है , जुदा होने से क्या होता हैं है कौन भला इस दुनिया मे...
-
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करन...
-
ऐ काश की फिर लौटा पाते , जो बीत गया है वो जीवन कितना प्यारा कितना सुंदर , कितना न्यारा था वो बचपन वो गलियाँ और वो चौराहा , ...
1 comment:
nice one keep writing.
Post a Comment