क्रोध और नफरत के नीचे, दबा हुआ होगा कहीं प्यार
निर्बल दुर्बल असहाय सा , करता होगा हाहाकार
आओ मन की आंख से देखे , अंतरतम में झांक के देखें
उलझी -उलझी अनसुलझी सी, अव्यक्त है मन की भाषा
अकड़ी जकड़ी अन्तर्द्वंद में, अभिव्यक्ति चाहे अभिलाषा
अपनेपन से अपनेमन का, अभी अधूरा साक्षात्कार
निर्बल दुर्बल असहाय सा, करता होगा हाहाकार
आओ मन की आंख से देखे , अंतरतम में झांक के देखें
धोखा और फरेब की जननी , पाने और खोने की चिन्ता
भय और आक्रोश की जननी , अच्छा बुरा होने की चिन्ता
सच्चाई और अच्छाई पर, बढ़ता जाता अत्याचार
निर्बल दुर्बल असहाय सा, करता होगा हाहाकार
आओ मन की आंख से देखे , अंतरतम में झांक के देखें
दुःख का भय और सुख की चिन्ता , आत्म-प्रलोभन आत्म-विकार
समभावना समकामना सच्चे जीवन का आधार
कम क्रोध और लोभ मोह में फंसा हुआ आचार - विचार
निर्बल दुर्बल असहाय सा, करता होगा हाहाकार
आओ मन की आंख से देखे , अंतरतम में झांक के देखें
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करना होगा, यही समय की मांग है। समाज मे उपेक्षित रूप से जी रहीं महिलाओं को हम उनके ताक़त का भान कराकर उन्हें अपने सम्मानित रूप से जीने का अधिकार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है|
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मैं भी रोया तू भी रोई , पर रोने से क्या होता है मैं तेरा हूँ तू मेरी है , जुदा होने से क्या होता हैं है कौन भला इस दुनिया मे...
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ऐ काश की फिर लौटा पाते , जो बीत गया है वो जीवन कितना प्यारा कितना सुंदर , कितना न्यारा था वो बचपन वो गलियाँ और वो चौराहा , ...
1 comment:
Absolutely flawless
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