ये गम नहीं की गैरों ने कस्ती है डुबोई
हैं गम मुझे अपने खड़े तमाशबीन थे
रह-रह के मुझको दर्द ये बेचैन करता हैं
मेरे खाब से भी ज्यादा उसके सच हसीन थे
ऐ हंसी तू सब हसीनों से जुदा लगती है
मेरी इबादत मुझे तू मेरा खुदा लगती है
मैं हूँ बीमारे दिल तेरी मुहब्बत में
तू मुझे मेरे दर्दे दिल की दवा लगता है
तेरी जुल्फों की घटा में मुझे खोने तो दे
हैं तेरा प्यार समंदर ये दिल डुबोने तो दे
अगर तू दे नहीं सकता मुझे कुछ भी ऐ सनम
अपने कांधे पे रखके सर मुझे रोने तो दे
कभी जिन्दगी में ऐसे भी मोड़ आते हैं
अपने साये भी अपना साथ छोड़ जाते हैं
कुछ को खुदा की रहमत उबार लेती हैं
कुछ को ये वक्त के तूफान तोड़ जाते हैं
खुदा का वास्ता मुझको मेरे सनम मत दे
जिसे निभा न सकूं मैं ऐसी कसम मत दे
न दे सके तू ख़ुशी जो तो कोइ बात नही
कर रहम इतना सा मुझपे की अपने गम मत दे
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करना होगा, यही समय की मांग है। समाज मे उपेक्षित रूप से जी रहीं महिलाओं को हम उनके ताक़त का भान कराकर उन्हें अपने सम्मानित रूप से जीने का अधिकार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है|
October 6, 2010
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