दिन रात करूँ सुबह शाम करूँ , जब जी चाहे आराम करूँ
बीते ऐसे ही अब जीवन , जी करता ना कोई काम करूँ
ये भाग दौड़ है क्यूँ करना , इस उलझन में है क्यूँ पड़ना
इन जोड़-तोड़ से क्या होगा , आखिर तो इक दिन है मरना
जाने सब क्यूँ बेचैन रहे , सपनों में खोये नैन रहे
ये जीना भी कोई जीना है , ना नींद रहे ना चैन रहे
जो होना है वो होता है , कोई पाता है कोई खोता है
कोई पत्थर से सर फोड़ रहा , कोई तान के चादर सोता है
दुनिया मारे हमको ताने , आये हमे अपनी समझाने
पर पक्के हम अपनी धुन के , हम तो अपनी मन की माने
जो होता है वो हो बेकल , हमको न गंवाने है ये पल
हम आज में जीने वाले हैं , देखेंगे जो होना हो कल
है अपने लिए हरपल हरक्षण , है ऐसो आराम भरा जीवन
परवाह नहीं करनी हमको , चाहे कहे जहाँ इसे आलसपन
नव भारती सेवा ट्रस्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण। बदलते वक्त के साथ महिलाओं को भी अपनी परिधि का विस्तार करना होगा, यही समय की मांग है। समाज मे उपेक्षित रूप से जी रहीं महिलाओं को हम उनके ताक़त का भान कराकर उन्हें अपने सम्मानित रूप से जीने का अधिकार प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है|
December 8, 2010
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